१.श्रवण भक्ति ----
हरिकथा,पुराण,ज्ञान, वैराग्य, उपासना , योगमार्गादिंचे श्रवण.
२.कीर्तन भक्ति -----
भजन,सगुणहरिकथन,नृत्य,गायन,वादन
३.नामस्मरण भक्ति --
जप,सदासर्वदा स्थलकालातीत ईशस्मरण,
४.पादसेवन भक्ति ---
काया वाचा मनोभावे
सद्गुरुची सेवा,
५.अर्चन भक्ति -----
शास्त्रोक्त पूजाविधान,
६.वंदन भक्ति ----
संत,साधू,सज्जन यांना नमस्कार,धर्मशाळा,देवालये इ.जिर्णोद्धार,
मानसपूजा,
७.दास्य भक्ति -----
धर्मशाळा,देवालये इ.जिर्णोद्धार,
मानसपूजा,
८.सख्य भक्ति -----
परमात्म्यासच सर्व काही मानणे,अशी भक्ती
९.आत्मनिवेदन भक्ति- सर्वश्रेष्ठ, ’अहं ब्रह्मास्मि’.
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